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जुड़वा बच्चों की उत्पत्ति विज्ञान, समभावनाएं और IVF की भूमिका

जुड़वा बच्चों की उत्पत्ति: विज्ञान, समभावनाएं और IVF की भूमिका

| 28 Jul 2023 | 1960 Views |

परिचय

बच्चे जीवन की खुशी के संकेत होते हैं, लेकिन क्या होता है जब यह खुशी दोगुनी हो जाती है? हाँ, हम जुड़वा बच्चों की बात कर रहे हैं। जुड़वा बच्चे, जो वास्तव में एक ही गर्भ से उत्पन्न होते हैं, लोगों के बीच हमेशा आश्चर्यजनक रहे हैं। इस लेख में, हम इन द्विजजाति बच्चों के होने के विज्ञानिक पहलू को समझने की कोशिश करेंगे और भारतीय IVF और फर्टिलिटी क्लिनिक, India IVF Fertility की भूमिका को समझने का प्रयास करेंगे।

जुड़वा बच्चे: क्यों और कैसे होते हैं?

जुड़वा बच्चे, जिन्हें वैज्ञानिक भाषा में ‘ट्विन्स’ कहा जाता है, वास्तव में एक ही समय में एक ही माता-पिता से पैदा होते हैं। इन बच्चों का जन्म दो प्रकार से हो सकता है – या तो ‘आईडेंटिकल ट्विन्स’ के रूप में या ‘फ्रेटर्नल ट्विन्स’ के रूप में।

  • आईडेंटिकल ट्विन्स: ये तब होते हैं जब एक अंडाणु निषेचन से गर्भधारण करता है और फिर विभाजन करता है। इस प्रक्रिया के परिणामस्वरूप, दो बच्चे उत्पन्न होते हैं जो जीनेटिक रूप से एक-दूसरे के समान होते हैं।
  • फ्रेटर्नल ट्विन्स: इसके विपरीत, फ्रेटर्नल ट्विन्स तब होते हैं जब दो अलग-अलग अंडाणु दो अलग-अलग शुक्राणुओं से निषेचित होते हैं। इस प्रक्रिया के परिणामस्वरूप, दो बच्चे उत्पन्न होते हैं जो जीनेटिक रूप से एक-दूसरे से अलग होते हैं, जैसे कि कोई दो भाई-बहन।

भारत में IVF और फर्टिलिटी की भूमिका: India IVF Fertility

इन-विट्रो फर्टिलाइज़ेशन (IVF) और अन्य फर्टिलिटी उपचार ने उन दम्पतियों के लिए नई उम्मीद जगाई है, जो प्राकृतिक तरीके से गर्भधारण करने में सक्षम नहीं होते हैं। IVF की प्रक्रिया में, अंडाणु का निषेचन पेट्री डिश में किया जाता है और फिर इसे माता के गर्भाशय में स्थानांतरित किया जाता है। India IVF Fertility, भारत की अग्रणी IVF और फर्टिलिटी क्लिनिक, यहाँ इस प्रक्रिया का सफलतापूर्वक संचालन करती है, दिल्ली, नोएडा और गुरुग्राम में अपने केंद्रों के साथ।

इसके अतिरिक्त, India IVF Fertility क्लिनिक द्वारा IVF और अन्य फर्टिलिटी उपचार द्वारा जुड़वा बच्चों की संभावना भी बढ़ जाती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि IVF की प्रक्रिया में, एक या अधिक भ्रूणों को माता के गर्भाशय में स्थानांतरित किया जाता है, जिससे जुड़वा बच्चों की संभावना बढ़ जाती है।

निष्कर्ष

जुड़वा बच्चे अनोखी और आश्चर्यजनक होते हैं। यहां तक कि विज्ञान भी इनके विकास की प्रक्रिया को पूरी तरह से समझने में संघर्ष करता है। हालांकि, विज्ञान ने हमें बहुत कुछ सिखाया है, और अब हम यह जान सकते हैं कि कैसे और क्यों जुड़वा बच्चे होते हैं।

IVF और अन्य प्रजनन प्रौद्योगिकियाँ ने जुड़वा बच्चों की संभावना को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इनकी मदद से, उन दंपतियों को माता-पिता बनने का अवसर मिलता है जो अन्यथा स्वाभाविक रूप से यह करने में सक्षम नहीं होते।

India IVF Fertility, दिल्ली, नोएडा और गुरुग्राम में अपने केंद्रों के साथ, भारत में IVF और फर्टिलिटी उपचार के क्षेत्र में अग्रणी है। उनकी योग्य टीम आपको सही दिशा निर्देशित करने के लिए तत्पर है, चाहे आपकी यात्रा जुड़वा बच्चों की ओर हो या आपके परिवार को बढ़ाने के अन्य तरीके।

स्रोत:

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India IVF Clinic

Best IVF Centre At India IVF Fertility, located in Delhi, Noida, Gurgaon, Gwalior, Srinagar to get best infertility treatment with high success rates.

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