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ICSI बिना IVF

क्या ICSI बिना IVF के हो सकता है?

| 19 Aug 2024 | 198473 Views |

Introduction

अगर आप फ़र्टिलिटी ट्रीटमेंट्स (fertility treatments) के बारे में सोच रहे हैं, तो आपने ICSI (Intracytoplasmic Sperm Injection) और IVF (In Vitro Fertilization) के बारे में ज़रूर सुना होगा। लेकिन एक सवाल है जो मन में आता है—क्या ICSI बिना IVF के हो सकता है? चलिए इस सवाल का सीधा जवाब देते हैं और इस टॉपिक को अच्छे से समझते हैं।

ICSI और IVF क्या है?

ICSI एक खास टाइप का फ़र्टिलिटी ट्रीटमेंट है जिसमें एक सिंगल स्पर्म (sperm) को डायरेक्टली एग (egg) के अंदर इंजेक्ट किया जाता है। ये तकनीक (technique) तब यूज़ होती है जब मेल इंफर्टिलिटी (male infertility) की समस्या होती है, जैसे कि स्पर्म काउंट (sperm count) कम हो या स्पर्म की मोटिलिटी (motility) खराब हो।

IVF में एग्स और स्पर्म को बॉडी के बाहर मिलाया जाता है जिससे एम्ब्रियो (embryo) बनता है, जिसे फिर से यूटरस (uterus) में ट्रांसफर किया जाता है। ICSI को आमतौर पर IVF के प्रोसेस में यूज़ किया जाता है ताकि फर्टिलाइजेशन (fertilization) के चांसेस बढ़ सकें, खासकर तब जब मेल इंफर्टिलिटी हो।

क्या ICSI बिना IVF के हो सकता है?

सीधा जवाब है नहीं। आइए जानें क्यों:

  • ICSI IVF का हिस्सा है: ICSI करने के लिए एग्स और स्पर्म को कलेक्ट करना पड़ता है। इसके लिए IVF के जैसे ही स्टेप्स फॉलो करने होते हैं, जैसे कि ओवेरियन स्टिम्युलेशन (ovarian stimulation), एग रिट्रीवल (egg retrieval), और स्पर्म कलेक्शन।
  • बॉडी के बाहर फर्टिलाइजेशन नहीं हो सकता: ICSI में स्पर्म को डायरेक्ट एग में इंजेक्ट किया जाता है, इसलिए एग को बॉडी के बाहर रखना ज़रूरी है, जो कि IVF प्रोसेस का मेन हिस्सा है।
  • ICSI IVF की सफलता को बढ़ाता है: ICSI खासतौर पर उन प्रॉब्लम्स को सॉल्व करने के लिए डिजाइन किया गया है जो फर्टिलाइजेशन में आती हैं। बिना IVF के, एग को फर्टिलाइज करने का कोई तरीका नहीं है और ना ही एम्ब्रियो बनाने का।

ICSI और IVF क्यों साथ-साथ चलते हैं?

  • मेल इंफर्टिलिटी: ICSI उन कपल्स के लिए गेम-चेंजर है जिनमें मेल इंफर्टिलिटी की समस्या है, ये एंश्योर करता है कि कमज़ोर स्पर्म भी एग को फर्टिलाइज कर सके।
  • फर्टिलाइजेशन रेट्स को बढ़ाता है: ICSI और IVF को मिलाकर, क्लिनिक्स फर्टिलाइजेशन के चांसेस को बढ़ा सकते हैं, जिससे सफलता की संभावना बढ़ जाती है।
  • फर्टिलाइजेशन पर बेहतर कंट्रोल: ICSI डॉक्टर्स को बेस्ट स्पर्म चुनने की सुविधा देता है, जिससे फर्टिलाइजेशन प्रोसेस पर ज़्यादा कंट्रोल मिलता है, जो कि नेचुरल फर्टिलाइजेशन या पारंपरिक IVF के मुकाबले बेहतर होता है।

ICSI और IVF के स्टेप्स

1. ओवेरियन स्टिम्युलेशन (Ovarian Stimulation): महिलाओं को ऐसी मेडिकेशन दी जाती है जो ओवरीज (ovaries) को एक साथ कई एग्स प्रोड्यूस करने के लिए स्टिम्युलेट करे।
2. एग रिट्रीवल (Egg Retrieval): एक छोटे से सर्जिकल प्रोसीजर से एग्स को ओवरीज़ से कलेक्ट किया जाता है।
3. स्पर्म कलेक्शन (Sperm Collection): स्पर्म को नेचुरल तरीके से या सर्जिकल तरीके से मेल पार्टनर या डोनर से कलेक्ट किया जाता है।
4. ICSI प्रोसीजर: हर मैच्योर एग में एक सिंगल स्पर्म को डायरेक्ट इंजेक्ट किया जाता है।
5. एम्ब्रियो कल्चर (Embryo Culture): फर्टिलाइज्ड एग्स को लैब में मॉनिटर किया जाता है ताकि वे एम्ब्रियो में डिवेलप हो सकें।
6. एम्ब्रियो ट्रांसफर (Embryo Transfer): बेस्ट एम्ब्रियो को महिला के यूटरस में ट्रांसफर किया जाता है ताकि प्रेगनेंसी हो सके।

IVF में ICSI का रोल

  • चांसेस को बेहतर बनाना: ICSI फर्टिलाइजेशन के चांसेस को काफी बढ़ा देता है, खासकर मेल इंफर्टिलिटी के केस में।
  • रुकावटों को दूर करना: यहां तक कि उन केसेस में जहां पहले IVF साइकिल्स फेल हो चुकी हों, ICSI नई उम्मीद देता है, फर्टिलाइजेशन की समस्याओं को डायरेक्टली एड्रेस करके।

निष्कर्ष

फ़र्टिलिटी ट्रीटमेंट्स की दुनिया में, ICSI और IVF एक-दूसरे के पूरक हैं। इन्हें एक साथ ही इस्तेमाल किया जाता है। ICSI बिना IVF के नहीं किया जा सकता क्योंकि यह IVF प्रोसेस का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है जो फर्टिलाइजेशन की समस्याओं को डायरेक्टली एड्रेस करता है, खासकर मेल इंफर्टिलिटी के मामलों में। अगर आप ICSI पर विचार कर रहे हैं, तो यह समझना जरूरी है कि यह IVF के बड़े कंटेक्स्ट में कैसे काम करता है। इंडिया IVF फर्टिलिटी में, हम इन तकनीकों को मिलाकर आपको आपके फ़र्टिलिटी जर्नी में सबसे बेहतर चांसेस देते हैं।

FAQs

नहीं, ICSI अकेले नहीं किया जा सकता। यह IVF प्रोसेस का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और इसके बिना काम नहीं कर सकता।

IVF में ICSI फर्टिलाइजेशन के चांसेस बढ़ाने के लिए यूज़ होता है, खासकर जब मेल इंफर्टिलिटी की समस्या हो।

हर मेडिकल प्रोसीजर की तरह, ICSI से भी कुछ रिस्क जुड़े होते हैं, जैसे कि एग को इंजेक्शन के दौरान नुकसान हो सकता है या जेनेटिक समस्याएं हो सकती हैं, लेकिन ये रिस्क काफी कम होते हैं और इन्हें अच्छे से मैनेज किया जाता है।

ICSI की सफलता दर काफी अच्छी होती है, खासकर मेल इंफर्टिलिटी के मामलों में। यह अक्सर सफल फर्टिलाइजेशन और प्रेगनेंसी का कारण बनता है।

हाँ, ICSI आमतौर पर स्टैंडर्ड IVF साइकिल की लागत को बढ़ा देता है क्योंकि यह एक विशेष प्रक्रिया है।

About The Author
Dr. Richika Sahay

MBBS (Gold Medalist), DNB (Obst & Gyne), MNAMS, MRCOG (London-UK), Fellow IVF, Fellow MAS, Infertility (IVF) Specialist & Gynae Laparoscopic surgeon,[Ex AIIMS & Sir Gangaram Hospital, New Delhi]. Read more about me

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