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जब किसी कपल को naturally conceive (गर्भधारण) करने में मुश्किल होती है, तो अक्सर IVF (In Vitro Fertilization) का सहारा लिया जाता है। लेकिन क्या हो अगर standard IVF से भी बात न बने? तब ICSI (Intracytoplasmic Sperm Injection) काम आता है। लेकिन ICSI IVF में कब किया जाता है? आइए इसे सरल भाषा में समझते हैं।
ICSI, IVF का एक खास तरीका है जिसमें एक sperm को directly एक egg में inject किया जाता है। ये तब सबसे ज्यादा useful होता है जब पुरुष की infertility (बांझपन) की समस्याएँ होती हैं, जैसे:
हर IVF केस में ICSI की जरूरत नहीं होती। लेकिन ये तब जरूरी हो जाता है जब male fertility में severe issues (गंभीर समस्याएँ) हों। जैसे:
ICSI एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है ये सुनिश्चित करने में कि कठिन से कठिन केस में भी fertilization हो सके। ये IVF process में इस तरह fit होता है:
1. Egg Retrieval (अंडाणु संग्रह): महिला से eggs को retrieve किया जाता है।
2. Sperm Collection (शुक्राणु संग्रह): पुरुष से sperm को collect किया जाता है या जरूरत पड़ने पर surgically retrieve किया जाता है।
3. Micromanipulation (माइक्रोमेनिपुलेशन): एक स्वस्थ sperm को egg में सीधे inject किया जाता है।
4. Fertilization Check (निषेचन की जांच): Injection के बाद, egg को fertilization के signs के लिए monitor किया जाता है।
5. Embryo Development (भ्रूण विकास): Fertilized eggs embryos में develop होते हैं, जिन्हें बाद में uterus (गर्भाशय) में transfer किया जाता है।
जब male infertility factors बीच में आते हैं, ICSI IVF process में एक essential tool बन जाता है। ये उन couples के लिए उम्मीद की किरण है जो severe sperm issues face कर रहे हैं या जिनके past IVF cycles में fertilization नहीं हो पाया। समझना कि IVF में ICSI कब किया जाता है, आपके fertility journey में informed decisions लेने में help कर सकता है। India IVF Fertility में हमारे experts हर step में आपकी guidance के लिए हैं, best possible outcomes को सुनिश्चित करने के लिए।
ICSI तब किया जाता है जब male fertility में significant issues होती हैं, जैसे low sperm count, poor motility या पिछले IVF failures।
ICSI का use IVF में तब किया जाता है जब male infertility एक factor होती है, या जब eggs ने standard IVF cycle में fertilize नहीं किया हो।
ICSI IVF में तब जरूरी होता है जब sperm naturally egg को fertilize नहीं कर पाते, खासकर severe sperm abnormalities या azoospermia के issues में।
ICSI fertilization की chances को significantly बढ़ा देता है, लेकिन ये success की guarantee नहीं देता। Fertilization अभी भी egg और sperm की health पर depend करता है।
ICSI safe है लेकिन इसे आमतौर पर specific fertility challenges वाले cases में ही किया जाता है। आपका fertility specialist तय करेगा कि ICSI जरूरी है या नहीं।
At India IVF Clinics we provide the most comprehensive range of services to cover all the requirements at a Fertility clinic including in-house lab, consultations & treatments.