संतान के बिना जीवन अधूरा सा लगने लगता है और इस सुख से वंचित दुनिया में कई ऐसे दंपत्ति हैं जो अभी भी संतान सुख से ना जाने कितने ही मिलो दूर हैं। सबसे पहले निसंतान दंपतियों के मन में यह प्रश्न जरूर आता है कि आईवीएफ कैसे होता है? और पहली बार में इसे कैसे सफल बनाया जाता है? तथा आईवीएफ होता क्या है? इंडिया आईवीएफ के फर्टिलिटी एक्सपर्ट आज इन्हीं प्रश्नों के जवाबों के साथ इस ब्लॉग के माध्यम से चर्चा करेंगे।
जिन दंपत्तियों को अभी तक संतान की प्राप्ति नहीं हुई है और वह जब पहली बार किसी फर्टिलिटी एक्सपर्ट के पास इस समस्या के निवारण के लिए जाते है तो उसे सर्वप्रथम एक्सपर्ट के द्वारा आईयूआई ट्रीटमेंट की सलाह दी जाती है। परंतु प्रथम प्रयास में आईयूआई की सफलता दर कुछ कम होती है। कुछ ऐसे भी केश देखने को मिलते हैं जिनको बांझपन की समस्या कुछ कम होती है तो इन मामलों में प्रथम बार में आईयूआई ट्रीटमेंट को सफलता हासिल हो जाती है।
यदि बांझपन की समस्या अत्यधिक गंभीर हो जाती है तो ऐसे में एक फर्टिलिटी एक्सपर्ट निसंतान दंपत्ति को आईवीएफ के लिए परामर्श करते हैं क्योंकि आईयूआई की तुलना में आईसवीएफ की सफलता दर बहुत ही अच्छी है।